Friday, January 27, 2012

ગણતંત્ર દિવસ


૨૬.૦૧.૨૦૧૨ ........આજે આપણો ગણતંત્ર દિવસ .......શુભેછાઓ સહ......


गणतंत्र दिवस की शुभ कामनाएं..........
मौका भी है दस्तूर भी, गणतंत्र दिवस पर  ये गीत देश और शहीदों के नाम। फिल्म काबुलीवाला के लिये मन्ना दा के गाये गीत ऐ मेरे प्यारे वतन से।
काबुलीवाला कहानी रविन्द्र नाथ टैगोर ने लिखी थी और इसी पर बनी थी फिल्म काबुलीवाला, पहले बंगाली में 1956 में जिसे तपन सिन्हा ने निर्देशित किया था और फिर 1961 में हिंदी में जिसका निर्देशन किया था हमेन गुप्ता ने, निर्माता थे बिमल रॉय। बंगाली फिल्म का संगीत दिया था रवि शंकर ने जबकि हिंदी फिल्म में संगीत था सलिल चौधरी का। इसके गीत लिखे थे सदाबहार गुले-गुलजार यानि गुलजार साहब ने। काबुलीवाला का जीवंत किरदार निभाया था बलराज साहनी ने।
इस गीत की तारीफ यही है कि इसे कभी भी सुनलो, कहीं भी सुनलो आँखों में एक नमी सी दिखने लगती है और ये जादू सिर्फ गीत या संगीत का नही है बल्कि उस आवाज का भी है जो है मन्ना दा की। ज्यादा कुछ कहने से बेहतर है इस मधुर गीत का आनंद लिया जाय।

ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन, तुझ पे दिल कुर्बान
तू ही मेरी आरजू, तू ही मेरी आबरू, तू ही मेरी जान
ऐ मेरे प्यारे वतन, ऐ मेरे बिछड़े चमन, तुझ पे दिल कुर्बान।
तेरे दामन से जो आये, उन हवाओं को सलाम
चूम लूँ मैं उस जुँबा को जिस पे आये तेरा नाम
सब से प्यारी सुबह तेरी सब से रंगी तेरी शाम
तुझ पे दिल कुर्बान
तू ही मेरी आरजू, तू ही मेरी आबरू, तू ही मेरी जान।
माँ का दिल बन कभी सीने से लग जाता है तू
और कभी नन्हीं सी बेटी बन याद आता है तू
जितना याद आता है मुझको उतना तड़पाता है तू
तुझ पे दिल कुर्बान
तू ही मेरी आरजू, तू ही मेरी आबरू, तू ही मेरी जान।
छोड़ कर तेरी जमीं को दूर आ पहुँचे हैं हम
फिर भी है ये ही तमन्ना तेरे जर्रों की कसम
हम जहाँ पैदा हुए उस जगह ही निकले दम
तुझ पे दिल कुर्बान
तू ही मेरी आरजू, तू ही मेरी आबरू, तू ही मेरी जान।
(सौजन्य ब्लॉग गीत गाता चल)



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