Friday, November 18, 2011

मशहूर शाईर वशीर “बद्र”.


૧૮.૧૧.૨૦૧૧
आज की बात मशहूर शाईर वशीर बद्रके नाम ..............
क्या आप किसी ऐसे शाइर को जानते हैं जिसे सिर्फ एक शेर के कारण सारी दुनिया जानती हो ? उस शाइर का नाम बशीर बद्रही है, जिसने पन्द्रह बरस की उम्र में ही यह शेर लिखकर उर्दू अदब की दुनिया में तहलका मचा दिया था
उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो
न जाने किस गली में जिन्दगी की शाम हो जाये


 उस वक्त का यह जुगनू कुछ ही दिनों में बद्रबन गया और आज तक अपनी 
चाँदनी से उर्दू अदब को रौशन कर रहा है। अदब की दुनिया में वही शे
 मक़्बूल होता है, जो ज़िन्दगी से जुड़ा हुआ हो, जिसमें अपनापन हो और
 कोई बात करने का सलीका भी हो। ज़रा उनका यह शेर देखें-
                               लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में
              तुम तरस नहीं खाते बस्तियां जलाने में


बशीर बद्रके यहाँ हर मौज़ी पर शेर मिल जाता है। ऐसे अनेक मौज़ूआत है, जिन पर बशीर बद्रने शेर कहे हैं। लेकिन दरअस्ल, बशीर बद्रमुहब्बत के शाइर हैं। उनका कहना है-

इतनी मिलती है मेरी ग़ज़लों से सूरत तेरी
लोग तुझको मेरा महबूब समझते होंगे



बशीर बद्रकी शाइरी में क़ुदरत की कारीगरी और बशीर बद्रकी हरदिलअज़ीज़ी का राज़ छिपा हुआ है...
 (सौजन्य हिंदी सहित्य ब्लॉग .....पिक्चर .....इन्टरनेट )

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