Thursday, September 21, 2017

(૧૦૧)..LIFE

૨૧/૦૯/૨૦૧૭..(૧૦૧)..LIFE

A man died...
When he realized it, he saw God coming closer with a suitcase in his hand.
Dialog between God and Dead Man:
God: Alright son, it’s time to go
Man: So soon? I had a lot of plans...
God: I am sorry but, it’s time to go
Man: What do you have in that suitcase?
God: Your belongings
Man: My belongings? You mean my things... Clothes... money...
God; Those things were never yours, they belong to the Earth
Man: Is it my memories?
God: No. They belong to Time
Man: Is it my talent?
God: No. They belong to Circumstance
Man: Is it my friends and family?
God: No son. They belong to the Path you travelled
Man: Is it my wife and children?
God: No. they belong to your Heart
Man: Then it must be my body
God: No No... It belongs to Dust
Man: Then surely it must be my Soul!
God: You are sadly mistaken son. Your Soul belongs to me.
Man with tears in his eyes and full of fear took the suitcase from the God's hand and opened it...
Empty...
With heartbroken and tears down his cheek he asks God...
Man: I never owned anything?
God: That’s Right. You never owned anything.
Man: Then? What was mine?
God: your MOMENTS.
Every moment you lived was yours.
Do Good in every moment
Think Good in every moment
Thank God for every moment
Life is just a Moment.
Live it...
Love it...

 मैं जिन्दगी का साथ निभाता चला गया
हर फ़िक्र को धुंएँ में उडाता चला गया
बरबादीयों का सोग़ मनाना फिजूल था
बरबादीयों का जश्न मनाता चला गया
जो मिल गया उसी को मुकद्दर समझ लिया
जो खो गया मैं उस को भुलाता चला गया
गम और खुशी में फर्क ना महसूस हो जहा
मैं दिल को उस मकाम पे लाता चला गया
સુખ: દુઃખ મનમાં ન આણીયેઘટ સાથે રે ઘડિયા....

નરસિહ મહેતા.....
गम और खुशी में फर्क ना महसूस हो जहा
मैं दिल को उस मकाम पे लाता चला गया
હિન્દી ફિલ્મ ગીત માંથી ....

शायद ज़िन्दगी बदल रही है!!”

जब मैं छोटा थाशायद दुनिया बहुत बड़ी हुआ करती थी
मुझे याद है मेरे घर से "स्कूलतक का वो रास्ताक्या क्या नहीं थावहांचाट के ठेलेजलेबी की दुकानबर्फ के गोलेसब कुछ,
अब वहां "मोबाइल शॉप", "विडियो पार्लरहैंफिर भी सब सूनाहै
शायद अब दुनिया सिमट रही है...
जब मैं छोटा थाशायद शामे बहुत लम्बी हुआ करती थी.
मैं हाथ में पतंग की डोर पकडेघंटो उडा करता थावो लम्बी"साइकिल रेस",
वो बचपन के खेलवो हर शाम थक के चूर हो जाना,
अब शाम नहीं होतीदिन ढलता है और सीधे रात हो जाती है
शायद वक्त सिमट रहा है..
जब मैं छोटा थाशायद दोस्ती बहुत गहरी हुआ करती थी,
दिन भर वो हुज़ोम बनाकर खेलनावो दोस्तों के घर का खानावोलड़कियों की बातेंवो साथ रोनाअब भी मेरे कई दोस्त हैं,
पर दोस्ती जाने कहाँ हैजब भी "ट्रेफिक सिग्नलपे मिलते हैं"हाई"करते हैंऔर अपने अपने रास्ते चल देते हैं,
होलीदिवालीजन्मदिन , नए साल पर बस SMS  जाते हैं
शायद अब रिश्ते बदल रहें हैं..
जब मैं छोटा थातब खेल भी अजीब हुआ करते थे,
छुपन छुपाईलंगडी टांगपोषम पाकट थे केकटिप्पी टीपी टाप
अब इन्टरनेटऑफिसहिल्म्ससे फुर्सत ही नहीं मिलती
शायद ज़िन्दगी बदल रही है.
जिंदगी का सबसे बड़ा सच यही है जो अक्सर कबरिस्तान के बाहरबोर्डपर लिखा होता है
"मंजिल तो यही थीबस जिंदगी गुज़र गयी मेरी यहाँ आते आते "
जिंदगी का लम्हा बहुत छोटा सा है कल की कोई बुनियाद नहीं है औरआने वाला कल सिर्फ सपने मैं ही हैं.
अब बच गए इस पल मैं
तमन्नाओ से भरे इस जिंदगी मैं हम सिर्फ भाग रहे हैं
इस जिंदगी को जियो की काटो
जो चाहा कभी पाया नहीं ।

जो पाया कभी सोचा नहीं । 

जो सोचा कभी मिला नहीं । 

जो मिला रास आया नहीं । 

जो खोया वह याद आता है । 

पर जो चाहा संभाला जाता नहीं । 

क्यूँ अजीब सी पहेली है जिंदगी ? 

जिसको कोई सुलझा पाता नहीं । 

जीवन में कभी समझौता करना पड़े, 

तो कोई बड़ी बात नहीं है । 

क्योंकि, 

झुकता वही है जिसमें जान होती है । 

अकड तो मुर्दें की पहचान होती है । 

जिंदगी जीने के दो तरीके होते है : 

पहला -

जो पसंद है उसे हासिल करना सीख लो । 

और दूसरा -

जो हासिल है उसे पसंद करना सीख लो । 

जिंदगी जीना आसान नहीं होता । 

बीना संघर्ष कोई महान नहीं होता । 

जब तक न पड़े हतौडे की चोट, 

पत्थर भी भगवान नहीं होता । 

जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है । 

कभी हसाती तो कभी रूलाती है । 

पर जो हर हाल में खुश रहते है, 

जिंदगी उसके आगे सर जूकाती है । 

चेहरे की हँसी से हर ग़म चुराओ । 

बहुत कुछ बोलो पर कुछ न छुपाओ । 

खुद न रूठो कभी पर सब को मनाओ । 

राझ है यह जिंदगी का - 

बस जीते चले जाओ । 

यही है जिंदगी का सच ।।
ये है जिंदगी का सच - 

-unknown
लम्हों की एक किताब है ज़िन्दगी ı
साँसों और खयालों का हिसाब है ज़िन्दगी ı
कुछ ज़रूरतें पूरी,, कुछ ख्वाहिशें अधूरी..
बस इन्ही सवालों का जवाब है ज़िन्दगी ॥

किसी शायरने मौत को क्या खुब कहा है...
जिंदगी मे २ मिनट कोई मेरे पास ना बैठा, आज सब मेरे पास बैठे जारहे थे....
कोई तौफाह ना मिला आज तक, और आज फुल हि फुल दिये जा रहे थे...
तरस गये थे हम किसी एक हाथ के लिये, और आज कंधे पे कंधे दिये जा रहे थे....
दो कदम साथ ना चलने को तैयार था कोई, और आज काफिला बन साथ चले जारहे थे...
आज पता चला मुझे कि "मौत" कितनी हसिन होती है...कम्बख्त...हम तो युहि जिंदगी जिये जा रहे थे,


Vinod Khanna (Actor)...

" When I got enough confidence, the stage was gone….. When I was sure of Losing, I won……. When I needed People the most, they Left me……. When I learnt to dry my Tears, I found a shoulder to Cry on…… When I mastered the Skill of Hating, Someone started Loving me from the core of the Heart…… And, while waiting for Light for Hours when I fell asleep, the Sun came out…..

That’s LIFE!! No matter what you Plan, you never know what Life has Planned for you…… Success introduces you to the World……. But Failure introduces the World to you……. ……Always be Happy!!

Often when we lose Hope and think this is the end… God smiles from above and says, Relax Sweetheart; It’s just a Bend, not the End..
સંકલિત...





























     સંકલિત......                         ચિત્ર સૌજન્ય:ઈન્ટરનેટ  

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