२७.१०.२०१०
ज्ञान की पहचान
यह जरुरी नहीं की उतम वस्तु प्राप्त करने के लिए,सिर्फ गुरु या ज्ञानी या उतम व्यक्ति के पास ही जाया जाय I यह भी जरुरी नहीं की अच्छी वस्तु सिर्फ अच्छी जगह ही प्राप्त हो Iगुण या ज्ञान प्राप्त करने के लिए तो कहा गया है कि:
उतम विद्या लीजिए,जदपि नीच पै होय,
परौ अपावन ठौर में,कंचन तजत न कोई .
उतम विद्या यदि किसी अयोग्य या नीच व्यक्ति से भी मिले,तो भी उसे लेने में संकोच नहीं करना चाहिए I. परौ अपावन ठौर में -----गन्दगी में भी पड़ा हुआ ,हुआ,कंचन तजत न कोई.----सोने को कोई तजता नहीं है I उसे उठाने के लिए तैयार रहता है I जो गुणी है,वह गुणी ही रहेगा,भले ही वह किसी अयोग्य जगह पर ही क्यों न हो I हिरा काले पत्थरों के बिच पाया जाता है, कमल कीचड़ में भी खिलते है, और कांटेवाली झाडियों पर गुलाब के फूल लगतें है I जहां गुण होंगे,उस जगह का महत्व अपने आप बढ़ जायेगा I भले ही वह कितना ही गन्दा स्थान क्यों न हो I.
१ (अभिताभ का खजाना... ....से)
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