28.09.2010
Joy of giving week celebrations-----26.09.2010 to 02.10.2010
२६.०९.२०१०
नमस्कार…!
"जोय ऑफ़ गिविंग" अथार्त देने में आनंद या ख़ुशी
दोस्तों "देने का” यानि दान का महत्त्व ऐवं उसकी प्रशस्ति हमारी भारतीय संस्कृति की नीव सामान रही हे
देनेमे जो ख़ुशी छुपी होती हे, उस ख़ुशी को बयां शायद चंद लब्जो में कर पाना मुस्किल ही नहीं, नामुमकिन हे
अगर हम इतिहास के पन्ने टटोले, तो हमें ऐसी कई सारी महान विभूति मिल जाएगी जिन्होंने "जोय ऑफ़ गिविंग" को अपना जीवन मंत्र बना लिया था
उस यादी में हम विना संदेह सर्वप्रथम नाम रख सकते हे : युगोस्लावियेका की मूल निवासी मधर टेरेसा का उन्होंने अपने जीवन के उतरार्ध में भारत में बसकर निराश्रितों की निस्वार्थ सेवा की
उन्होंने उन लाचार लोगोको एक "माँ " सी ममता दी
उसके बाद वो मधर टेरेसा के नाम से जानी गई
कोई भी क्षेत्र हो : चाहे वो शिक्षण जगत हो, कला जगत हो, संगीत जगत हो, या खेल जगत हो कई हस्तियोने निस्वार्थ भावसे अपने शहर, राज्य, देश और पुरे विश्वको कुछ न कुछ दिया हे
खेल जगत से जुडी हुई ऐक ऐसी शख्सियत जिन्होंने सितम्बर ४,१९६२ को बड़ोदा में जन्म लिया और फिर क्रिकेट जगत को विकेट कीपर के रुपमे राष्ट्रीय और अंतर राष्ट्रीय स्तर पर अपना योगदान देते रहे
५ दिसम्बर १९८४ में वन-डे इंटर नेशनल में अपना कदम रखने वाले किरण मोरेजी ने अपनी चपलता और काबिलियत की वजह से विकेट के पीछे जान सी ला दी थी
यह महान क्रिकेटर आज भी क्रिकेट प्रशिक्षण का कार्य करके हजारो वच्चो को तैयार कर रहे हे
यह भी उनके बड़ोदा की जनता को देने की उमदा भावना का ही फल स्वरूप हे
में किरण.., श्रीमान किरण मोरेजी का हमारी पुरे "पोद्दार परिवार" की और से दिलसे स्वागत ऐवं अभिवादन करती हु
धन्यवाद
(Mrs Kiran Nirupam Avashia)
Joy of giving week celebrations-----26.09.2010 to 02.10.2010
२६.०९.२०१०
नमस्कार…!
"जोय ऑफ़ गिविंग" अथार्त देने में आनंद या ख़ुशी
दोस्तों "देने का” यानि दान का महत्त्व ऐवं उसकी प्रशस्ति हमारी भारतीय संस्कृति की नीव सामान रही हे
देनेमे जो ख़ुशी छुपी होती हे, उस ख़ुशी को बयां शायद चंद लब्जो में कर पाना मुस्किल ही नहीं, नामुमकिन हे
अगर हम इतिहास के पन्ने टटोले, तो हमें ऐसी कई सारी महान विभूति मिल जाएगी जिन्होंने "जोय ऑफ़ गिविंग" को अपना जीवन मंत्र बना लिया था
उस यादी में हम विना संदेह सर्वप्रथम नाम रख सकते हे : युगोस्लावियेका की मूल निवासी मधर टेरेसा का उन्होंने अपने जीवन के उतरार्ध में भारत में बसकर निराश्रितों की निस्वार्थ सेवा की
उन्होंने उन लाचार लोगोको एक "माँ " सी ममता दी
उसके बाद वो मधर टेरेसा के नाम से जानी गई
कोई भी क्षेत्र हो : चाहे वो शिक्षण जगत हो, कला जगत हो, संगीत जगत हो, या खेल जगत हो कई हस्तियोने निस्वार्थ भावसे अपने शहर, राज्य, देश और पुरे विश्वको कुछ न कुछ दिया हे
खेल जगत से जुडी हुई ऐक ऐसी शख्सियत जिन्होंने सितम्बर ४,१९६२ को बड़ोदा में जन्म लिया और फिर क्रिकेट जगत को विकेट कीपर के रुपमे राष्ट्रीय और अंतर राष्ट्रीय स्तर पर अपना योगदान देते रहे
५ दिसम्बर १९८४ में वन-डे इंटर नेशनल में अपना कदम रखने वाले किरण मोरेजी ने अपनी चपलता और काबिलियत की वजह से विकेट के पीछे जान सी ला दी थी
यह महान क्रिकेटर आज भी क्रिकेट प्रशिक्षण का कार्य करके हजारो वच्चो को तैयार कर रहे हे
यह भी उनके बड़ोदा की जनता को देने की उमदा भावना का ही फल स्वरूप हे
में किरण.., श्रीमान किरण मोरेजी का हमारी पुरे "पोद्दार परिवार" की और से दिलसे स्वागत ऐवं अभिवादन करती हु
धन्यवाद
(Mrs Kiran Nirupam Avashia)