૧૫/૦૯/૨૦૧૭..(૯૬)..सिकंदर
સંકલિત...... ચિત્ર સૌજન્ય:ઈન્ટરનેટ
સંકલિત...... ચિત્ર સૌજન્ય:ઈન્ટરનેટ
सिकंदर ने आधी दुनिया जीत ली थी पर.. जब मरा तो 3 इच्छा
थी..
1- जिन हकीमों ने इलाज किया वो सब जनाजे को कँधा
दें ……..क्यों ?
ताकि सबको पता चल जाये कि हकीम भी मरने से रोक नहीं सकते”
2- जनाजे
की राह में वो सारी दौलत बिछा दी जाये जो उसने जिंदगी भर इकट्ठा करी …..क्यों ?
“ताकि
सब जान लें जब मौत की घड़ी आती है तब ये दौलत भी किसी काम नहीं आती”
3- उसकी
मौत के बाद जब उसका जनाजा निकले तो उसके दोनों हाथ बाहर लटकाये जाये ……….क्यों ?
“ताकि
सबको मालूम हो इंसान खाली हाथ आया है और खाली हाथ जायेगा”*
ना मेरा एक होगा ,ना
तेरा लाख होगा ,
ना तेरी तारीफ़ होगी, ना मेरा मजाक होगा,
गुरूर न कर “शह-ए-शरीर पर”…..!
मेरा भी ख़ाक होगा, तेरा भी ख़ाक होगा
ना तेरी तारीफ़ होगी, ना मेरा मजाक होगा,
गुरूर न कर “शह-ए-शरीर पर”…..!
मेरा भी ख़ाक होगा, तेरा भी ख़ाक होगा
સંકલિત..
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