Wednesday, July 19, 2017

(૫૫)..अल्फाज...मुजीब अख्तर...

૧૯/૦૭/૨૦૧૭..(૫૫)..अल्फाज...मुजीब अख्तर...

एक बार संख्या 9 ने 8 को थप्पड़ मारा 8 रोने लगा...
पूछा मुझे क्यों मारा..? 9 बोला... मैं बड़ा हु इसीलए मारा...
सुनते ही 8 ने 7 को मारा और 9 वाली बात दोहरा दी
7 ने 6 को...6 ने 5 को...5 ने 4 को...4 ने 3 को...3 ने 2 को...
2 ने 1 को...अब 1 किसको मारे1 के निचे तो 0 था!
1 ने उसे मारा नहीं बल्कि प्यार से उठाया और उसे अपनी बगल में बैठा लिया
जैसे ही बैठाया...उसकी ताक़त 10 हो गयी..!और 9 की हालत खराब हो गई.
जिन्दगीं में किसी का साथ काफी हैं, कंधे पर किसी का हाथ काफी हैं,दूर हो या पास..           क्या फर्क पड़ता हैं, "अनमोल रिश्तों" का तो बस "एहसास" ही काफी हैं ! बहुत ही खूबसूरत लाईनें..
किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये, कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नहीं लाता..!
डरिये वक़्त की मार से, बुरा वक़्त किसी को बताकर नही आता..!
अकल कितनी भी तेज ह़ो, नसीब के बिना नही जीत सकती..
बीरबल अकलमंद होने के बावजूद, कभी बादशाह नही बन सका...!!"
"ना तुम अपने आप को गले लगा सकते हो, ना ही तुम अपने कंधे पर सर
रखकर रो सकते हो! एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी है! इसलिये वक़्त उन्हें दो जो तुम्हे चाहते हों दिल से!
 रिश्ते पैसो के मोहताज़ नहीं होते क्योकि कुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते पर जीवन अमीर जरूर बना देते है "
आपके पास मारुति हो या बीएमडब्ल्यू - सड़क वही रहेगी |
आप टाइटन पहने या रोलेक्स-समय वही रहेगा |                                                       आपके पास मोबाइल एप्पल का हो या सेमसंग - आपको कॉल करने वाले लोग नहीं बदलेंगे |आप इकॉनामी क्लास में सफर करें
या बिज़नस में -आपका समय तो उतना ही लगेगा |
भव्य जीवन की लालसा रखने या जीने में कोई बुराई नहीं हैं, लेकिन सावधान रहे क्योंकि आवश्यकताएँ पूरी हो सकती है, तृष्णा नहीं |
एक सत्य ये भी है कि धनवानो का आधा धन तो ये जताने में चला जाता है की वे भी धनवान हैं |
कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है....
पर रोटी की साईज़ लगभग सब घर में एक जैसी ही होती है।
शानदार बात
बदला लेने में क्या मजा है मजा तो तब है जब तुम
सामने वाले को बदल डालो..||
इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले,
और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले...!!...
संकलित......मुजीबअख्तर



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